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शूलपर्णी

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शूलपर्णी (Holly), आइलेक्स (Ilex) जीनस का सामान्य नाम है। यह दोनों गोलार्धो के उष्ण तथा शीतोष्ण कटिबंधों में पाया जाता है। यह अपनी सुंदर पत्तियों एवं आकर्षक लाल बेरियों के कारण लगाया जाता है। इस वंश के वृक्ष या क्षुप (shrub) पर्णपाती (deciduous), या सदाहरित होते हैं। पर्णपाती स्पीशीज़ अधिकांशत: क्षुप होते हैं, जबकि सदाहरित स्पीशीज़ के वृक्ष छोटे, या मध्यम ऊँचाई के होते हें। वृक्ष की ऊँचाई प्राय: ४० से ५० फुट तथा कभी कभी १०० फुट तक होती है। शूलपर्णी के पादप एकलिंगी या उभयलिंगी (hermaphrodite) होते हैं।

इसकी पत्तियाँ प्राय: अरीय, पुष्प हरे तथा लाल, काली या कभी कभी पीली बेरियाँ होती है, जो शीत ऋतु पर्यंत डालियों पर रहती हैं। इस वृक्ष की लकड़ी, कठोर, भारी, सफेद तथा सुंदर गठन वाली होती है, जिसका उपयोग मापने के पैमाने को बनाने तथा फर्निचरों में अस्तर देने के लिए होता है। बगीचों में बाड़ लगाने के लिए शूलपर्णी का उपयोग किया जाता है। पतझड़ या वसंत ऋतु सदाहरित स्पीशीज़ लगाने का सर्वोत्तम समय है। शूलपर्णी के लगभग ३०० स्पीशीज ज्ञात हैं।

चित्र दीर्घा

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